अनपढ़

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पढ़ चुका हूँ हिंदी, अंग्रेजी और गणित
पढ़ा है भौतिकी, भूगोल और इतिहास
लेकिन वैसे ही, जैसे दीमक पढ़ते हैं

गोया कि, मुझे मालूम है भौतिकी के नियम
स्थूल और सुक्ष्म वस्तुओं के लिए भिन्न हैं
पर यह नहीं जानता कि भौतिकी के नियम
प्रेम पर भी लागू होते हैं
जो इन दोनों से परे है

पढ़े हैं भाषा और व्याकरण के नियम
पर यह नहीं समझ पाया
कि दुलार और फटकार में याचक की भाषा
और व्याकरण की क्या भूमिका है

कितना सरल हूँ कि
बुद्ध की निर्वाण कथा पढ़कर
चाहता हूँ कि वह ज्ञान और वैराग्य
मुझे बिना परिश्रम ही प्राप्त हो जावे

दीमकों-सा किताब पढ़ कर
अनपढ़ ही रहना चाहता हूँ
कुँए की मुँडेर पर बैठ कर सुनना चाहता हूँ
घड़े और पानी का संगीत

― प्रकाश

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